क्यों मनाते हैं दिवाली का त्योहार जानिए इसके पीछे छिपी पौराणिक कथाएं

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क्यों मनाते हैं दिवाली का त्योहार जानिए इसके पीछे छिपी पौराणिक कथाएं।

लोकेशन उमरिया मध्य प्रदेश

रिपोर्टर विजय कुमार यादव

देशभर में दिवाली का त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इससे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं जिनके बारे में शायद कम ही लोग जानते हैं। हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. पंचांग के अनुसार इस साल दिवाली का पर्व 12 नवंबर 2023, रविवार के दिन मनाया जाएगा. दिवाली के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि दिवाली के दिन मां लक्ष्मी धरती पर भम्रण करती हैं और जिस भक्त से प्रसन्न होती हैं उसके घर में वास करती हैं। दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली यानि नरक चतुर्दशी का पर्व भी मनाया जाता है और यह भी दिवाली की तरह बहुत खास होता है. नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन किया जाता है। आइए जानते हैं आखिर क्यों मनाया जाता है नरक चतुर्दशी और दिवाली का त्योहार।

इसलिए मनाते हैं नरक चतुर्दशी-छोटी दिवाली
एक पौराणिक कथा के अनुसार नरकासुर नामक एक राक्षक था। उसने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर इंद्र समेत सभी देवताओं को परेशान कर रखा था. उसके राज्य की जनता भी उसके अत्याचारों से परेशान थी। उसने 16 हजार स्त्रियों को अपना बंदी बना रखा था। उसके अत्याचारों से परेशान होकर देवता और संत भगवान कृष्ण से उनकी मदद मांगने के लिए पहुंचे. भगवान कृष्ण ने उन्हें नरकासुर से मुक्ति दिलाने का आश्वसान दिया. नरकासुर को किसी स्त्री के हाथों से मरने का श्राप मिला हुआ था और इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी को बनाकर उनकी मदद से नरकासुर का वध किया था। तभी से कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसे छोटी दिवाली भी कहा जाता है।

बड़ी दिवाली से जुड़ी पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्री राम रावण का वध कर लंका पर विजय हासिल करने के बाद अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ 14 वर्ष का वनवास भोगने के बाद कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन अयोध्या लौटे थे। उस दिन अमावस्या तिथि थी और इसलिए लोगों ने पूरे नगर में घी के दीपक जलाकर उसके रौशन किया था. इसलिए हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सत्य की असत्य पर जीत के बाद भगवान राम अपनी नगरी लौटे थे और इसलिए इस त्योहार हर साल बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन हर तरफ रौशनी और जगमगाहट नजर आती है।

दिवाली से जुड़ी अन्य पौराणिक कथा

एक अन्य पौराणिक कथा के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन मां लक्ष्मी अवतरित हुई थी। मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। उस दिन से ही हिंदू धर्म में दिवाली मनाई जाती है. कहते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-दौलत की भरमार होती है।

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