मिशन परिवार विकास पखवाड़ा दौरान परिवार नियोजन साधनों की उपयोगिता का दिया जा रहा संदेश
मिशन परिवार विकास पखवाड़ा दौरान परिवार नियोजन साधनों की उपयोगिता का दिया जा रहा संदेश
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजनी जेम्स बेक ने बताया परिवार नियोजन के स्थाई/अस्थाई साधनों के प्रति आमजन में जागरूकता एवं परिवार नियोजन के साधनों की स्वीकार्यता को बढ़ाने के उद्देश्य से जिले की समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं पर परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत मिशन परिवार विकास पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रीता चटर्जी ने बताया महिलाओं को 21 वर्ष की आयु के बाद ही गर्भधारण करना चाहिए। नवदंपत्ति को चाहिए की विवाह के बाद पहले बच्चे के जन्म में जल्दबाजी न करें, छोटा परिवार रखने का प्रयास करें, जिससे अपने बच्चों का पालन पोषण सही तरीके से कर सकें। बच्चों के जन्म के बीच कम से कम 3 वर्ष का अंतर रखें ताकि मॉ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहे।
रूचि अनुसार परिवार नियोजन के अस्थाई/स्थाई साधनों का करें चुनाव
राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत उपलब्ध विभिन्न गर्भ निरोधक साधनों में से दंपत्ति अपनी रूचि/जरूरत अनुसार परिवार नियोजन साधन का चुनाव कर सकते है। विवाह के बाद 2 वर्ष तक बच्चों के जन्म को टालने, दो बच्चों के बीच 3 वर्ष का अंतराल रखने में उपयोगी परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जैसे अंतरा, ओरल पिल्स यथा छाया, माला-एन, आई.यू.सी.डी. एवं निरोध गर्भनिरोधक सेवायें सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में निःशुल्क उपलब्ध है।
परिवार विकास पखवाड़ा के तहत 25 अप्रैल तक सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में परिवार नियोजन से संबंधित अस्थाई गर्भनिरोधक नवीन साधनों तथा परिवार नियोजन के स्थाई साधन महिला/पुरूष नसबंदी की जानकारी पुरूष सहभागिता सम्मेलन, सास-बहू सम्मेलन एवं आशा द्वारा नव विवाहित दंपत्ति को नई पहल किट वितरित कर परिवार नियोजन से संबंधित आवश्यक जानकारियां हितग्राहियों के साथ साझा की जायेगी।