uttar pardash इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का करें बेस्ट ट्रीटमेंट:लखनऊ में CS ने मेडिकल संस्थानों के प्रमुख के साथ की बैठक, सुविधा बढ़ाने पर दिया जोर
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उत्तर प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के मकसद से रविवार को लखनऊ में एक अहम बैठक हुई। लोक भवन में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अगुवाई में हुई बैठक में विशेष रूप से इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को क्वालिटी ट्रीटमेंट देने को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए गए।
मेडिकल संस्थानों के प्रमुखों के साथ हुई बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि मरीजों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश शासन का सर्वाधिक फोकस है। प्रदेश में तेजी से हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम हो रहा है। हेल्थ सेक्टर में बहुत सारा निवेश हुआ है।
खाली बेड की जानकारी को पब्लिक डोमेन में लाएं
उन्होंने कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग कर स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जाया। SGPGI, KGMU, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, बलरामपुर, सिविल और लोकबंधु अस्पतालों में बेड की उपलब्धता स्थिति को पब्लिक डोमेन में डाला जाए।
उन्होंने संस्थान के प्रमुखों से कहा कि शासकीय अस्पतालों और संस्थानों में बेस्ट डॉक्टर्स व इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्याप्त मात्रा में स्टाफ उपलब्ध है। उच्च स्तरीय निजी चिकित्सा संस्थानों में शासकीय अस्पतालों और संस्थानों से सेवानिवृत्त डॉक्टर कार्य करते हैं। सरकारी अस्पताल आने वाले मरीज व तीमारदार अच्छा अनुभव लेकर जाए और बाहर जाकर अस्पताल व डॉक्टर की तारीफ करें, इस पर सोचने व कार्य करने की जरूरत है।
मरीज को इलाज पाने में न हो परेशानी
उन्होंने कहा कि आने वाला व्यक्ति परेशान होता है। अस्पताल प्रशासन की जिम्मेदारी है कि अस्पताल में उपलब्ध डॉक्टर्स, स्टाफ और इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर उपयोग कर मरीजों को उच्च स्तरीय उपचार सुविधाएं उपलब्ध कराए। अस्पताल एंट्रेंस पॉइंट पर एक टीम मौजूद रहे, जो यह सुनिश्चित करे कि आने वाले मरीज के साथ सही व्यवहार हो, आवश्यकतानुसार उसे वार्ड ब्वाय, व्हीलचेयर व स्ट्रेचर की सुविधा मिले।
स्ट्रेचर अथवा व्हीलचेयर से मरीज को कहां जाना है और क्या करना है, इस बारे में गाइड करने की व्यवस्था हो। कहीं भी स्ट्रेचर व व्हीलचेयर ताले में न रहे। इमरजेंसी वार्ड के पास भी अस्पताल प्रशासन की टीम होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मरीज के साथ अच्छा बर्ताव, बीमारी के बारे में सही से ब्रीफिंग और उचित गाइडेंस देने से किसी तरह की कोई शिकायत की गुंजाइश नहीं रह जाएगी। अस्पताल आने वाले व्यक्ति अच्छा अनुभव लेकर जाएंगे और बाहर जाकर वह संस्थान और डॉक्टर्स की प्रशंसा भी करेंगे।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. बृजेश राठौर, SGPGI निदेशक डॉ. आरके धीमन, KGMU कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद, निदेशक राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान प्रो.सीएम सिंह सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के शासकीय अस्पतालों के प्रमुख व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
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