Rajasthan के रेजिडेंट डॉक्टर्स फिर से हड़ताल पर:अकेले जयपुर के SMS हॉस्पिटल में 100 से ज्यादा सर्जरी टली, सड़कों पर पड़े हैं मरीज
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स्टाइपेंड और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने समेत अन्य मांगों को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर दूसरे दिन भी हड़ताल पर है। हालांकि इस बार सीनियर डॉक्टर ने इस हड़ताल का समर्थन नहीं किया है।
इधर, जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में छोटे-बड़े करीब 100 से ज्यादा ऑपरेशन टाल दिए गए है। उदयपुर के भी सरकारी हॉस्पिटल में ऑपरेशन टालने पड़े। वहीं बार-बार हड़ताल से मरीजों को होने वाली परेशानी को देखते हुए एसएमएस हॉस्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट ने कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र लिखकर हड़ताल पर जाने वाले पीजी रेजिडेंट्स का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।
वहीं अजेमर और बीकानेर समेत जोधपुर में भी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर उतर आए है। अजमेर में ऐक्स्ट्रा डॉक्टर मांगे गए है। वहीं जोधपुर में डॉक्टर्स का ड्यूटी टाइम बढ़ाने की तैयारी की जा रही है, जिसका जल्द शेड्यूल जारी होगा।
शनिवार रात से हड़ताल पर,डेढ़ साल में चौथी बार हड़ताल पर, फैकल्टी नाराज
शनिवार रात 8 बजे से हड़ताल पर गए इन रेजिडेंट्स ने ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया है। इसका प्रभाव आज ओपीडी के साथ आईपीडी, ओटी और इमरजेंसी सेवाओं पर भी देखने को मिला है।
पिछले डेढ़ साल में चौथा मौका है, जब डॉक्टर्स ने किसी न किसी मांग को लेकर हड़ताल की है। करीब डेढ़ माह पहले कोलकाता में हुई घटना के विरोध में भी जयपुर समेत प्रदेश के तमाम सरकारी मेडिकल कॉलेज और उसने से अटैच हॉस्पिटल में लम्बे समय तक डॉक्टर्स हड़ताल पर रहे थे।
इधर, रेजिडेंट के इस हठधर्मिता के रवैये से एसएमएस मेडिकल कॉलेज की टीचर्स फैकल्टी भी खासी नाराज है। फैकल्टी ने इस हड़ताल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस तरह हर रोज हड़ताल पर जाना ठीक नहीं। पीजी स्टूडेंट्स एडमिशन से पहले एग्रीमेंट भरकर देते हैं कि वे हड़ताल या ऐसा कोई काम नहीं करेंगे, जिससे मरीज या हॉस्पिटल प्रशासन को परेशानी हो। अगर ऐसा होता है तो उनका प्रैक्टिस लाइसेंस निरस्त किया जा सकता है। ऐसे में अब सरकार और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को हड़ताल पर जाने वाले इन रेजिडेंट्स का लाइसेंस निरस्त करके उन पर कार्रवाई करनी चाहिए।
सीनियर ने हड़ताल से खुद को रखा दूर
इस बार हड़ताल में रेजीडेंट्स में दो फाड़ वाली स्थिति बन गई है। जयपुर समेत तमाम शहरों में कुछ जूनियर रेजीडेंट्स ने हड़ताल का एलान करके काम का बहिष्कार किया है, जबकि सीनियर रेजीडेंट्स (फाइनल ईयर स्टूडेंट्स) ने खुद को इस हड़ताल से दूर रखा है। जयपुर में दिसंबर-जनवरी में इन सीनियर के एग्जाम है। इसे देखते हुए और मांगे वाजिब नहीं होने की स्थिति को देखते हुए सीनियर ने अपनी सेवाएं जारी रखने का फैसला किया है।
पढ़ें प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का कैसा है असर
जोधपुर:जोधपुर के मथुरादास माथुर, महात्मा गांधी, उम्मेद और टीबी हॉस्पिटल के 550 रेजिडेंट सोमवार से हड़ताल पर गए है। हालांकि यहां पहले दिन व्यवस्थाएं सामान्य थी लेकिन आने वाले दिनों के लिए रूटिन डॉक्टर्स के टाइमिंग में बदलाव की तैयारी की जा रही है।
अजमेर: अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में भी सोमवार को रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इमरजेंसी और ओपीडी में मरीज को कोई परेशानी ना हो इसे लेकर अस्पताल प्रशासन ने आगामी आदेश तक डॉक्टर्स के अवकाश निरस्त कर दिए हैं।
रेजिडेंट अध्यक्ष डॉक्टर दिलराज मीना ने बताया कि पहले सरकार से जब वार्ता हुई तब सरकार ने मांगों पर सहमति बनाई थी। लिखित में समझौता होने के बावजूद भी आज तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। सिर्फ कागजों में खानापूर्ति की गई है। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे।
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया कि 628 के करीब अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर्स कार्यरत है। इसमें अधिकतर रेजिडेंट्स डॉक्टर हड़ताल पर है। अस्पताल में 4000 के करीब डेली ओपीडी रहती है। 60 के करीब मेजर और 10 माइनर ऑपरेशन होते हैं। हालांकि अभी तक कोई ऑपरेशन नहीं टाले गए हैं लेकिन हड़ताल को देखते हुए अस्पताल के इमरजेंसी और ओपीडी में जूनियर, सीनियर रेजिडेंट्स के साथ ही फैकल्टी को लगाया है। ओपीडी में भीड़ को देखते हुए जॉइंट डायरेक्टर से 35 डॉक्टर्स की डिमांड की गई है।
उदयपुर: उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज से जुड़े 6 अस्पतालों के 558 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर है। एमबी, जनाना, अंबामाता जिला अस्पताल, हिरणमगरी सैटेलाइट अस्पताल में सोमवार को करीब 100 से ज्यादा ऑपरेशन टालने पड़े। आरएनटी के 260 सीनियर डॉक्टरों और 40 सीनियर रेजीडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी की व्यवस्थाओं को संभाला। इन अस्पतालों के वार्डों में मरीज अब नर्सिंग स्टाफ के भरोसे हैं।
बीकानेर: बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में के 550 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए है। सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत याव ने बताया- राज्य सरकार को पहले भी मांगे बताई थी लेकिन तब सिर्फ आश्वासन दिया गया। अब फिर से हड़ताल करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हड़ताल के चलते सभी डॉक्टर्स ने काम बंद कर दिया है और सोमवार को भी कोई ऑपरेशन थियेटर में नहीं गया।