PRAYAGRAJ दुल्हन को किन्नर अखाड़े ने बनाया महामंडलेश्वर

2 महीने की दुल्हन को किन्नर अखाड़े ने बनाया महामंडलेश्वर
22 साल की ममता B.Ed, M.Ed पास; दिल्ली में हुई थी शादी
2 महीने पहले ही ममता वशिष्ठ ने पति के साथ 7 फेरे लिए थे। लेकिन, संयोग ऐसा बना कि 2 महीने की
यह दुल्हन प्रयागराज के महाकुंभ में महामंडलेश्वर बन गई। वो भी किन्नर अखाड़े में।

आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी ने बाकायदा ममता वशिष्ठ का पिंडदान कराया और पट्टाभिषेक कराया।
ममता वशिष्ठ अब महामंडलेश्वर ममता वशिष्ठ के रूप में जानी जाएंगी। उनके इस फैसले में पति संदीप
भाई विशू समेत पूरे परिवार का सपोर्ट रहा। महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता वशिष्ठ ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की।
बचपन से ही सनातन धर्म के प्रति लगाव 22 साल की ममता बीएड, एमएड हैं। लेकिन, जब वह 7 साल की थीं
तभी से सनातन धर्म की ओर उनका रुझान हो गया था। वह पूजा-पाठ के साथ वेद, पुराण, श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भागवत गीता
सहित अन्य धर्म ग्रंथ पढ़ने और उसका पाठ सुनाने लगी थी। वह 15 साल की उम्र से श्रीराम कथा और श्रीमद्भागवत कथा करने लगी थीं।
वह अभी तक अलग-अलग प्रदेशों में 380 से ज्यादा कथाएं कह चुकी है।
उनकी शादी नवंबर, 2024 में दिल्ली के संदीप वशिष्ठ से हुई। संदीप वशिष्ठ और उनके परिवार वालों को जब पता चला कि ममता सनातन
धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए और आगे जाना चाहती हैं, तो उन्होंने पूरी तरह सपोर्ट किया। वह कहती हैं कि करीब 6 साल पहले किन्नर अखाड़ा की
महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरी धूलिया, महाराष्ट्र के संपर्क में आईं। इसके बाद किन्नर अखाड़ा की सनातन धर्म के
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