• Fri. Apr 18th, 2025

Chanakya News India

News Broadcast Live TV

PRAYAGRAJ भजनों और नृत्य से सजी भव्य सांस्कृतिक संध्या

ByNews Editor

Jan 18, 2025 #PRAYAGRAJ
PRAYAGRAJPRAYAGRAJ

PRAYAGRAJ भजनों और नृत्य से सजी भव्य सांस्कृतिक संध्या

PRAYAGRAJ
PRAYAGRAJ

PRAYAGRAJ मीडिया सेंटर महाकुंभ 2025

गंगा पंडाल में संस्कृति का महासंगम: शास्त्रीय संगीत, भजनों और नृत्य से सजी भव्य सांस्कृतिक संध्या

महाकुंभनगर 17 जनवरी 2025

महाकुंभ 2025 के अंतर्गत गंगा पंडाल में शुक्रवार को आयोजित सांस्कृतिक संध्या भारतीय कला, संगीत और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन बनी। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं और दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

महेश काले और विश्वमोहन भट्ट की अद्भुत प्रस्तुति से शुभारंभ
गंगा पंडाल में सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत ख्यात शास्त्रीय गायक महेश काले के मंत्रमुग्ध कर देने वाले गायन से हुई। उनके सुरों की गूंज से वातावरण में आध्यात्मिकता का संचार हुआ। इसके बाद, पद्मविभूषण विश्वमोहन भट्ट ने अपनी मोहन वीणा की जादुई धुन से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने पूरे गंगा पंडाल में दिव्यता का अहसास कराया।

भोजपुरी भजनों और शिव तांडव से मंत्रमुग्ध हुए दर्शक
इसके पश्चात भोजपुरी सुपरस्टार रीतेश पांडे ने अपने भजनों से श्रोताओं को भक्ति रस में डुबो दिया। दर्शक उनके गीतों पर झूम उठे। कार्यक्रम की सबसे विशिष्ट प्रस्तुति सांसद और अंतरराष्ट्रीय कलाकार रवि किशन शुक्ल द्वारा प्रस्तुत “शिव तांडव स्तोत्र” रही। उन्होंने अपनी अद्भुत ऊर्जा और भाव-भंगिमाओं से दर्शकों को पूरी तरह सम्मोहित कर दिया। इसके साथ ही, उन्होंने कई गंगा गीत प्रस्तुत किए, जिन पर दर्शक झूमते नजर आए।

कथक नृत्य नाटिका और संगीत का संगम
कार्यक्रम का समापन मधुस्मिता और उनकी टीम द्वारा प्रस्तुत एक भव्य कथक नृत्य नाटिका से हुआ। उनकी प्रस्तुति में भारतीय परंपरा और शास्त्रीय नृत्य की उत्कृष्टता झलकती थी, जिसने पूरे गंगा पंडाल को तालियों की गूंज से भर दिया।

आगामी प्रस्तुतियों में दिग्गज कलाकारों का संगम

गंगा पंडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम 24 फरवरी तक प्रतिदिन आयोजित किए जाएंगे। आगामी दिनों में कैलाश खेर, हरिहरन, कविता कृष्णमूर्ति, नितिन मुकेश, सुरेश वाडेकर, और कविता सेठ जैसे प्रतिष्ठित कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। इसके साथ ही, शास्त्रीय संगीत, लोकगीत, भजन और नृत्य का यह संगम महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के अनुभव को और अधिक अद्भुत बनाएगा।

संगम तट पर बह रहीं हैं सुरों की गंगा
महाकुंभ के इस अलौकिक आयोजन में संगीत और कला की दिव्य धारा प्रवाहित हो रही है। यह सांस्कृतिक मंच न केवल आस्था और भक्ति को प्रकट करता है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंतता का भी प्रतीक है।

https://youtu.be/SG2CZC3IBrQ

मीडिया सेंटर महाकुंभ द्वारा जारी समाचार।

https://www.facebook.com/chanakyanewsindialive

https://www.instagram.com/indiachanakyanews/