LUCKNOW प्रदूषण कम करने के लिए टूंडे, दस्तरख्वान समेत सभी जगहों से लगेंगी गैस की भट्टी
LUCKNOW नगर निगम सीमा के अंदर चल रही 3 हजार से ज्यादा कोल भटि्टयां हटाई जाएंगी। वायु प्रदूषण नियंत्रण व NGT की सख्ती के बाद होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में चलने वाली तंदूर की भट्टियों पर रोक लगाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम तंदूर का इस्तेमाल करने वाले होटल व रेस्टोरेंट का सर्वे कराया जा रहा है।
ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टेरी) की ओर से लखनऊ शहर के वायु प्रदूषण स्रोत पर होटल और रेस्टोरेंट की 44 इकाइयों का सर्वेक्षण किया गया। संस्था के अध्ययन में सामने आया है कि वायु प्रदूषण में प्रमुख स्रोतों के अलावा, होटल और रेस्टोरेंट क्षेत्रों और सड़क के किनारे भोजनालय से वातावरण में पीएम 10 और पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ रही है।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि अकेले टूंडे जैसे संस्थान के 14 सेंटर शहर के अंदर चल रहे है। यहां 88 भट्टी चल रही है। सर्वे के बाद सभी कोल भट्टियों बंद कराया जाएगा।
200 गैस तंदूर फ्री देगी संस्था
होटल और रेस्टोरेंट में पारंपरिक कोयले से चलने वाले तंदूर के लिए शहर के लालबाग और सेंट्रल स्कूल क्षेत्र को बेसलाइन सर्वेक्षण करने के लिए चुना गया। संस्था की ओर से प्रारंभिक चरण में 200 होटल व रेस्टोरेंट को निशुल्क गैस व इलेक्ट्रिक आधारित तंदूर का वितरण किया जाएगा।
इसके लिए कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई है। हालांकि सर्वेक्षण में यह सामने आया है कि इलेक्ट्रिक और गैस आधारित चूल्हों में तंदूर की रोटियों का वह स्वाद नहीं आएगा जो तंदूर की भट्टी से निकली रोटियों में आता है। इसके अलावा LPG और इलेक्ट्रिक ओवन तंदूर से काफी महंगे हैं।