DR MEENA कार्बन मोनोऑक्साईड कार्बन डाई आक्साइड से भी ज़्यादा ख़तरनाक है
मीना अग्रवाल
कार्बन मोनोऑक्साईड(Carbon monoxide)
ये गेस रंगहीन और गंधहीन होती है ये कार्बन डाई आक्साइड से भी ज़्यादा ख़तरनाक है इसके सम्पर्क मैं देर तक रहने से व्यक्ति की मोत(Death) तक हो सकती है आमतोर पर ये गेस गाड़ियो का धुआँ,ढंग से नहीं जल रहे स्टोव,हीटिंग सिस्टम और सिगरेट के धूए मैं पायी जाती है कैरोसिन से चलने वाले हीटर,वाटर हीटर,गेस स्टोव और ढंग से काम नहीं करने वाली चिमनी से भी निकलती है।
कैसे करती है असर-ये कार्बन मोनो आक्साइड रैड ब्लड सैल्स मैं पाये जाने वाले हीमोग्लोबिन से मिलकर इसके Molecules को ऑक्सीजन की तुलना मैं 250 गुना तेज़ी से ब्लाक कर देता है।हिमोग्लोबिन की मदद से ऑक्सीजन फेफड़ो से होकर पूरे शरीर तक जाती है।एसेमैं ऑक्सीजन की कमी से कोशिकाएँ(Cell) मरने लगती है इसकी वजह से शरीर मैं थकावट,चक्कर आना,घबराहट,जी मचलाना जैसी समस्याओं के शिकार होते है शहरों मैं इसकी समस्या बहुत अधिक है उसका कारण घरों मैं सही वेंटीलेशन की सुविधा का न होना।
DR MEENA अमरूद म फ़ाइबर,आइरन,विटामिन C भरपूर मात्रा में होता है
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बचाव के उपाय:-रसोईघर मैं वेंटीलेशन की व्यवस्था करे।
2:-कैरोसिन हीटर जलाते समय वेंटीलेशन का ध्यान रखें।बंद कमरे मैं हीटर आदि का इस्तेमाल न करे।गैराज के अन्दर गाड़ी का इंजन चला कर न छोड़े।घर के अन्दर चारकोल न जलाये।ज़्यादा ट्रेफ़िक से गुजरते समय खिड़की खोल दें।सिगरेट से परहेज़ करे।कार्बन मोनोआक्साइड गेस से दूरी बनाना बहुत ज़रूरी है विशेषकर बच्चो को इस गेस से दूर रखें नहीं तो इसकी चपेट मैं बच्चे आकर अपनी ज़िंदगी से हाथ धो सकते है।
मीना अग्रवा