बंगाल में रामनवमी पर चले पत्थर, अधीर की सीट फंसी:
![बंगाल में रामनवमी पर चले पत्थर, अधीर की सीट फंसी: (title)% Chanakya News India chankya news india](https://mlz27cezjvrg.i.optimole.com/cb:mmcA.2886b/w:1024/h:576/q:mauto/ig:avif/https://chankyanewsindia.com/storage/2024/04/6620349f603d9-ramnavami-shobha-yatra-17441481-16x9-1.webp)
बंगाल
बंगाल में रामनवमी पर चले पत्थर, अधीर की सीट फंसी:
यूसुफ पठान ने मुस्लिम वोट काटे तो बहरामपुर में BJP के लिए मौका
‘10 साल में यहां हिंदू और मुस्लिमों के बीच फासला बहुत बढ़ गया है। यहां नए मंदिर बन रहे हैं। RSS के लोग बहुत एक्टिव हैं। अब तो दोनों ओर के लोग आपस में ज्यादा बात भी नहीं करते।’
बहरामपुर के शक्तिपुर में रहने वाले उमर अली तीन लाइन में यहां का माहौल बता देते हैं। यही माहौल फिलहाल चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा है। पश्चिम बंगाल के बहरामपुर में 13 मई को चौथे फेज में वोटिंग है। उमर की जिस जगह इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान है, वहां 17 अप्रैल को रामनवमी पर हिंसा भड़क गई थी। मामला कलकत्ता हाईकोर्ट तक पहुंचा।
24 अप्रैल को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने कहा, ‘अगर लोग 8 घंटे कोई त्योहार शांति से नहीं मना सकते, तो हम चुनाव आयोग से सिफारिश करेंगे कि ऐसे इलाकों में चुनाव न कराए। अगर आचार संहिता लागू होने के बावजूद दो समुदायों के लोग इस तरह लड़ रहे हैं, तो उन्हें वोट देने का अधिकार नहीं है।’
हालांकि, चुनाव अभी टले नहीं हैं। BJP शक्तिपुर में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा कराने वाली है। ये सभा कल, यानी 30 अप्रैल को होगी।
1. हिंसा का असर रेजीनगर, भरतपुर और कांदी विधानसभा में दिख रहा है। बीते दो साल से यहां लगातार सांप्रदायिक घटनाएं हो रही हैं। यहां RSS, BJP और VHP की एक्टिविटी बढ़ी है।
2. हिंसा के बाद अधीर रंजन चौधरी लोगों से मिलने नहीं गए। इस बात से वे नाराज हैं। ये गुस्सा चुनाव में उनके खिलाफ जा सकता है।
3. TMC ने यूसुफ पठान को उतारकर मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया है। अगर वे मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगा पाए, तो TMC और BJP के जीतने का मौका बन सकता है।
वहीं, गाजीपाड़ा में लोग अलग बात बताते हैं। मस्जिद के पास रहने वाले मिराज शेख कहते हैं, ‘BJP के लोग हिंदू संगठनों को लेकर बहरामपुर आए हैं। 13 अप्रैल को वे जुलूस निकाल रहे थे। मस्जिद के बाहर खड़े होकर ढोलक बजा रहे थे। ‘जय श्री राम’ का नारा लगा रहे थे।’
‘एक बच्चा मस्जिद से निकलकर आया। उसने ढोल बजाने से मना किया। कहा कि मस्जिद के सामने गाना मत बजाओ। इस पर एक आदमी ने बच्चे को बैट से मारा। मैंने पुलिस को कॉल किया। पुलिस तीन घंटे बाद आई। तब तक वे हमारी मस्जिद तोड़ चुके थे।’
17 अप्रैल: झंडा हटाने पर विवाद, छतों से पत्थरबाजी
गाजीपाड़ा की घटना के बाद शक्तिपुर में 17 अप्रैल को दोबारा हिंसा हुई। आरोप है कि यहां रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया। मामला पहले लोकल पुलिस से CID और फिर NIA को सौंप दिया गया। शक्तिपुर थाना इंचार्ज बिस्वजीत के मुताबिक, इस केस में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
शक्तिपुर के रहने वाले अरविंद बिस्वास रामनवमी की रैली में शामिल थे। वे बताते हैं, ‘रैली शक्तिपुर हाईस्कूल के सामने से निकल रही थी। यहीं एक झंडा लगा था। किसी ने वो झंडा तोड़ दिया। हम स्कूल से 500 मीटर ही आगे बढ़े थे कि एक मकान के पीछे से हम पर पत्थर फेंके गए। पत्थर कौन फेंक रहा था, ये पता नहीं चल रहा था। फिर छत से पत्थर और बम फेंके गए। स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।’