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BASTI क्षेत्राधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण को अवगत कराते हुए दिया गया

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 BASTI क्षेत्राधिकारी द्वारा  औचक निरीक्षण को अवगत कराते हुए दिया गया

रिपोट: शिव प्रकाश चौबे
रिपोर्टर: भानपुर- बस्ती U.P.

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BASTI आगामी पर्वों धनतेरस, दीपावली, छठ, भैया दूज आदि के दृष्टिगत क्षेत्राधिकारी हरैया द्वारा दिनांक 28.10.2024 को थाना परसरामपुर का औचक निरीक्षण कर थाना कार्यालय, भोजनालय, मालखाना, बैरक, महिला हेल्प डेस्क, साइबर हेल्प डेस्क, हवालात, सी0सी0टी0एन0एस0 कार्यालय आदि का निरीक्षण कर उनके अभिलेखों के उचित रख-रखाव व थाना परिसर की साफ-सफाई हेतु संबंधित को आदेशित करते हुए थाना क्षेत्रान्तर्गत शांति/ सुदृढ़ कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा बनाए रखने हेतु शासन-प्रशासन से प्राप्त आदेशों-निर्देशों को अवगत कराया गया एवं बाद निरीक्षण थाना क्षेत्रान्तर्गत आतिशबाजी/ पटाखों की दुकानों का भौतिक सत्यापन कर उनके स्वामियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया

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BASTI – सनातन धर्म में दीपावली का पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. वैदिक हिंदू पंचांग के अनुसार यह पर्व प्रत्येक साल कार्तिक माह के अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. दिवाली की शाम को माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा अर्चना की जाती है और सुख समृद्धि की कामना करते हैं .इस साल दिवाली को लेकर बहुत असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कुछ लोगों का कहना है कि दिवाली 31 अक्टूबर को है तो वहीं कुछ लोग 1 नवंबर को यह पर्व मनाएंगे.

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BASTI – वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट पर होगी. वहीं, इस तिथि का समापन 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट पर होगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दीपावली के दिन प्रदोष काल में ही माता लक्ष्मी की पूजा करने का विधान होता है. 31 अक्टूबर को अमावस्या का मुहूर्त दिन में शुरू होगा और एक नवंबर को प्रदोष काल तक अमावस्या का मुहूर्त रहेगा
हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं की साल 2024 में दीपावली का मुहूर्त 31 अक्टूबर की दोपहर 3:52 से शुरू हो जाएगा जो 1 नवंबर की शाम 6:16 तक रहेगा. दीपावली की पूजा प्रदोष काल में करने पर ही माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. वैदिक पंचांग के अनुसार 31 अक्टूबर को तीन पहर यानी प्रदोष काल से कुछ घंटे पहले ही कार्तिक अमावस्या का प्रारंभ होगा जो 1 नवंबर को तीन पहर के बाद प्रदोष काल तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पर्व की उदया तिथि का समय यदि प्रदोष काल को कुछ समय के लिए स्पर्श करें तो उस पर्व की पूजा उसी दिन करने का महत्व होता है.पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि दीपावली पर माता लक्ष्मी के निमित्त उनकी पूजा 1 नवंबर को प्रदोष काल में करने पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन के भंडार भरने का आशीर्वाद देगी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन लक्ष्मी माता पृथ्वी पर भ्रमण करती रहती हैं और अपने सभी भक्तों को अपार धन का आशीर्वाद देती हैं.

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दीपावली का त्योहार सुख-समृद्धि, अज्ञानता से प्रकाश की ओर जाने का त्योहार है. हिंदू धार्मिक मान्यता है कि दीपावली के दिन भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद लंका विजय के बाद अयोध्या वापस लौटे थे.भगवान राम के वापस लौटने की खुशी में ही दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों को फूल, रंगोली, रंग बिरंगी लाइटों और दीपों से सजाते हैं, और घर में सुख, समृद्धि और शांति के लिए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं.

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