BHOPAL सीएम बोले, गाय और गंगा भारत की संस्कृति और सभ्यता की आत्मा हैं
https://www.facebook.com/chanakyanewsindialive
BHOPAL मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा है कि गाय और गंगा, भारत की संस्कृति एवं सभ्यता की आत्मा है… ये पालनहार हैं और तारणहार भी। वेद, पुराण, उपनिषद, स्मृति-ग्रंथों, रामायण, महाभारत और वांग्मय में गौ-महिमा का वर्णन है। गाय को सुरभि, कामधेनु, अर्च्या, यज्ञपदी, कल्याणी, इज्या, बहुला, कामदुघा, विश्व की आयु, रुद्रों की माता और वसुओं की पुत्री के रूप में सुशोभित किया गया है।
गोवर्धन पूजा प्रकृति के सम्मान का उत्सव है। धरा पर गाय और गंगा ही हैं, जो ईश्वर को अत्यंत प्रिय हैं। इनके बिना भारतवर्ष की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
BHOPAL मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में आज राज्य स्तरीय गोवर्धन-पूजा कार्यक्रम रवीन्द्र भवन भोपाल में होगा। गोवर्धन पर्व के सांस्कृतिक एवं आर्थिक महत्व पर केन्द्रित इस आयोजन में गौ-संस्कृति, परिवेश के प्रदर्शन और स्वास्थ्य आधारित लाभों पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई गई है। प्रदर्शनी मुख्य रूप से पंचगव्य उत्पाद, गौ-शिल्प उत्पाद, कृषि आधारित उत्पाद और दैनिक उपयोग के उत्पाद के आर्थिक महत्व को प्रदर्शित गया है।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम के साथ सभी जिलों में एक कार्यक्रम जिले की प्रमुख गौ-शाला में भी होगा। यहां भी गोवर्धन पूजा, गौमय और पंचगव्य उत्पादों पर संगोष्ठी, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगोली एवं निबंध प्रतियोगिता और बच्चों के कार्यक्रम होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सर्वदेवमयी गाय को वेदों में अघ्न्या (अवध्या) बतलाया है… त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने वनगमन के पूर्व गोदान किया था। द्वापर युग में श्रीकृष्ण ने बाल्यावस्था में गायों संग व्यतीत कर भारतवर्ष को गाय की महत्ता का संदेश दिया है। स्कन्दपुराण में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश के द्वारा कामधेनु की स्तुति की गई है
अर्थात् हे अनघे तुम समस्त देवों की जननी तथा यज्ञ की कारणरूपा हो और समस्त तीर्थों की महातीर्थ हो, तुमको सदैव नमस्कार है। निश्चित रूप से ईश्वर द्वारा वंदनीय गौमाता का संरक्षण एवं संवर्धन केवल कर्तव्य ही नहीं धर्म भी है।
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार भी गौ-सेवा के लिए सदैव प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार ने प्रत्येक गांव में गौ-शाला प्रारंभ करने का अभियान शुरू किया है। सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गौशाला में गाय के आहार के लिए निर्धारित अनुदान को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया है।