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UP छात्र-छात्राओं द्वारा छात्रवृत्ति हेतु किए आवेदनों को शिक्षण संस्थाएं तत्काल

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UP 25/10/2024
राजेश वर्मा
स्टेट कोऑर्डिनेटर उत्तर प्रदेश
चाणक्य न्यूज इंडिया
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UP छात्र-छात्राओं द्वारा छात्रवृत्ति हेतु किए गए आवेदनों को शिक्षण संस्थाएं तत्काल करें सत्यापन*

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मऊ…
UP जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी रश्मि मिश्रा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पिछड़ी जाति पूर्वदशम छात्रवृत्ति (कक्षा 9-1) योजनान्तर्गत छात्र-छात्राओं के स्तर से 9425 छात्रवृत्ति आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे गये हैं, जिसके सापेक्ष 1313 आवेदन पत्र ही विद्यालय / संस्था स्तर से फारवर्ड किये गये हैं। वर्तमान में 8112 आवेदन पत्र संस्था स्तर से फरवर्ड हेतु लम्बित है। समय सारिणी के अनुसार छात्रों द्वारा फाइनल सब्मिट किये गये आवेदन पत्र विद्यालय स्तर से सत्यापित एवं अग्रसारित करने की अन्तिम तिथि 27 अक्टूबर 2024 निर्धारित है।

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BASTI जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक निस्तारण को निर्देशित किया

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शिक्षा की गुणवत्ता में लाए सुधार अन्यथा होगी कड़ी कार्यवाई

एं छात्रों द्वारा भरे गये लम्बित 8112 छात्रवृत्ति आवेदन पत्रों को नियमानुसार शीघ्र वेरीफाई एवं फारवर्ड करें, ताकि समयान्तर्गत पात्र छात्रों को छात्रवृत्ति योजना का लाभ मिल सके।

गोगुंदा के पास एक और लेपर्ड आया पिंजरे में:अब तक 6 लेपर्ड आए, एक पिंजरे से भागे लेपर्ड का अभी तक नहीं चला पता

उदयपुर जिले के गोगुंदा क्षेत्र के जंगल में एक लेपर्ड शुक्रवार को पिंजरे में आ गया। इस इलाके में इंसानों पर जहां हमले हुए है उस क्षेत्र से दूर यह लेपर्ड लगे पिंजरे में फंसा है। अब तक वन विभाग के लगाए पिंजरों में 6 लेपर्ड कैद हो गए है तो इनमें से एक वन विभाग के कैंपस से पिंजरा तोड़कर भाग गया जिसका अभी तक कुछ पता नहीं चला है।

गोगुंदा क्षेत्र के भूताला के पास मिंडावतों की भागल में लगे एक पिंजरे में आज सुबह लेपर्ड की दहाड़ सुनाई दी। वहां से गुजर रहे ग्रामीणों को पता चला तो वन विभाग को सूचित किया। बाद में टीम वहां पहुंची और लेपर्ड को वहां से उदयपुर के बायोलोजिकल पार्क ले जाने की तैयारी की जा रही है।

इस क्षेत्र में लेपर्ड के मूवमेंट के बाद से पिछले दिनों से यहां वन विभाग ने पिंजरा लगा रखा था और आज सुबह इसमें लेपर्ड फंस गया था। लेपर्ड के अंदर कैद होने की सूचना मिलने पर आसपास से बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौके पर जुट गए। जब पिंजरे के पास वनकर्मी गए तब लेपर्ड गुर्राते हुए दहाड़ मार रहा था।

 

जिस जगह लेपर्ड पिंजरे में आया वहां से राठौड़ों का गुड़ा और केलवों का खेड़ा गांव की दूरी करीब 25 किलोमीटर है। इन दो गांवों के पास ही इंसानी हमलों के बाद वन विभाग ने बेस कैंप लगाया था।

इधर, 21 अक्टूबर की शाम को उदयपुर शहर के पास लखावली में लगे पिंजरे में लेपर्ड के 22 अक्टूबर की सुबह बायोलोजिकल पार्क से भागने के मामले में अभी तक वन विभाग खाली हाथ है। सज्जनगढ़ सेंचुरी स्थित बायोलोजिकल पार्क के पिंजरे से गायब हुआ लेपर्ड का चौथे दिन पता नहीं चल पाया। विभाग की टीमें सर्च लाइट से भी बायो पार्क में उसकी तलाश कर रही है। वहां लगाए पिंजरे में भी अभी तक लेपर्ड नहीं आया और चार दिन में कहीं उसका मूवमेंट सीसी टीवी में या कैमरा ट्रेप में नहीं दिखा है।

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