rajasthan 10 लोगों को मारने वाले लेपर्ड को गोली मारी उदयपुर में दो दिन पहले जहां हमला किया, वहीं मारा गया; अधिकारी बोले- आदमखोर की पुष्टि नहीं
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उदयपुर में शुक्रवार सुबह वन विभाग और पुलिस टीम ने एक लेपर्ड को गोली मार दी। सूत्रों के अनुसार इसी लेपर्ड ने बीते एक महीने में 10 लोगों का शिकार किया था। लेपर्ड को शहर के नजदीक मदार इलाके में गोली मारी गई है।
इसी इलाके से करीब एक किलोमीटर दूर दो दिन पहले दो महिलाओं पर लेपर्ड ने अटैक किया था। इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गई थी।वन विभाग के डीएफओ अजय चित्तौड़ा ने बताया कि यह वो ही आदमखोर लेपर्ड है, अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। जांच के बाद ही इसकी पुष्टि हो सकती है।
5 दिन में 3 बार अटैक किया मदार गांव में बीते करीब 5 दिन में लेपर्ड के दो अटैक हुए हैं। बुधवार को खेत में काम कर रही 2 महिलाओं पर हमला किया था। दोनों घायल हो गई थीं। इनमें से लेपर्ड ने एक महिला मांगीबाई के गले पर अटैक किया था। इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। वहीं, दूसरी महिला केसीबाई के हाथ में घाव है, उनका इलाज चल रहा है।
इससे एक दिन पहले मंगलवार रात को पालड़ी गांव में लेपर्ड ने गाय के बछड़े का शिकार कर उसे मार डाला था। वहीं, तीन दिन पहले रविवार को बड़ी गांव में भी लेपर्ड ने गाय के बछड़े का शिकार किया था। शहर के आसपास लगातार लेपर्ड के लगातार बढ़ते मूवमेंट से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ था।
हाथों में लाठियां-कुल्हाड़ी लेकर पहुंचे लोग सुबह जैसे ही लेपर्ड को गोली मारने का पता चला तो परमदार, बांदरवाड़ा, राठौड़ों का गुड़ा, कायलों का गुड़ा, गोडान कला गांव वाले मदार बड़ा तालाब के पास पहुंचना शुरू हो गए। ग्रामीणों के हाथों में लठियां और कुल्हाड़ी थी। उनका कहना था कि यहां आस-पास बहुत लेपर्ड है और महिला की मौत के बाद तो पूरा गांव घबराया हुआ है।
दहशत में बस स्टैंड और दुकानें बंद गांव वालों ने कहा कि सबसे पहले तो यह देखने की जरूरत है कि ये आदमखोर है या नहीं। वन विभाग उनको बताए अगर ये आदमखोर नहीं है तो यहां पर सुरक्षा बढ़ाई जाए और यहां पर पिंजरे लगाए जाए।
मदार पंचायत के वार्ड पंच मनीष चौबीसा ने बताया कि आस-पास लेपर्ड की बढ़ती संख्या के बाद गांव वालों में दशहत है। मदार का बस स्टैंड और कुछ दुकानें बंद है।
मदार, बांदरवाड़ा, राठौड़ों का गुड़ा, कायलों का गुड़ा, गोडान कला गांव के लोगों ने गुरुवार रात को मीटिंग की थी। इसमें तय किया था कि लेपर्ड पकड़ में नहीं आ पा रहा है, तो अब गांव वाले हथियारों के साथ पूरे जंगल को घेरेंगे।
अपने स्तर पर लेपर्ड को पकड़ने के लिए घेरा डालेंगे। इसके लिए शुक्रवार सुबह से ही ग्रामीण जुटने लगे थे, इस बीच टीम की तरफ से लेपर्ड को शूट कर दिया गया।