गणेश उत्सव की पंडालों में विराजे भगवान श्री गणेश जी त्रिनेत्र पट्टी खुलने पर भक्तों में उत्साह
बलरामपुर
गणेश उत्सव पर उतरौला नगर के शिव मंदिर गोंडा मोड़, खाकी दास मंदिर, गांधीनगर पुलिस चौकी मोड़, ज्वाला महारानी मंदिर, बस स्टेशन के निकट सहित ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न स्थानों पर भगवान गणेश की भव्य और आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित है ।
श्री गणेश उत्सव पूजन में पांचमी दिन भगवान श्री गणेश जी त्रिनेत्र का पट्टी खुलने पर भक्तों ने दर्शन पूजन किया। भगवान श्री गणेश जी की प्रतिमा का त्रिनेत्र पट्टी खुलने से पहले सभी पूजा समिति के पंडालों में भगवान श्री गणेश की विधी विधान से पूजन अर्चन किया गया। भगवान श्री गणेश की त्रिनेत्र पट्टी खुलते ही पूजा पंडालों में दर्शन के लिए भक्तों की भारी भीड़ पूजन अर्चन महाआरती में शामिल हुए। गणपति बप्पा मोरया के जयकारों से पंडाल गूंज उठे। पूरे नगर में उत्साह और भक्ति का माहौल रहा।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि
शिव पुराण के अनुसार जब गणेश जी का शिर शूलपाणि ने अपने त्रिशूल से काट दिया था और देवताओं ने माता पार्वती के प्रसन्नता के लिए एक गजराज का मस्तक, बालक, गणपति लगाकर उन्हे पुनः जीवित कर दिया। माँ जगजननी अत्यन्त प्रसन्न हुई, और ब्रम्हा विष्णु महेश ने उन्हें सर्वाध्यक्ष मान लिया। और समस्त देवताओं ने वर प्रदान कर कहा कि विघ्न नाश कार्यों में तेरा नाम सर्व श्रेष्ट होगा। तुम त्रयलोग समस्त चराचर में सब का पूज्य होगा। तुम्हे समस्त गणो का अधिपति बनाता हूँ। गणेश जी की उत्पान्त्ति भाद्रपद मास चतुर्थी का दिन था। चन्द्रवार स्वाति नक्षत्र और सिंह लग्न के योग में दिन के मध्याहन काल में गणपति की उत्पत्ति हुई इस दिन मध्याहन काल में श्रद्धा भक्ति पूर्वक उन का स्मरण पूजन चिन्तन मनन एवं नाम जप की अमित महिमा है। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को सिद्धि विनायक नाम से पूजा जाना चाहिए। श्री शिवनंदन गणेश पूजा समिति शिव मंदिर गोंडा मोड़ अध्यक्ष मनोज कुमार सोनी, संरक्षक
विजय बहादुर गुप्ता, शिव गुप्ता, विकास गुप्ता , आकाश गुप्ता, मोहित गुप्ता, शोभित गुप्ता ,अनिल गुप्ता, दीपक कुमार, विशाल, अनुज, विजय श्रीवास्तव, नीतीश जायसवाल, आर्यन गुप्ता, साधू तिवारी, सत्यम कौशल समेत अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।
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