मुख्यालय के आल्हा चौक स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में 14 सितंबर हिंदी दिवस के उपलक्ष में हिंदी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य जयनारायण तिवारी ने मां शारदे की प्रतिमा पर दीपार्जन और पुष्पर्चन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन करते हुए विद्यालय के संगीताचार्य पंडित जग प्रसाद तिवारी जी ने कहा कि हिंदी एक भाषा नहीं एक भावना है संस्कृति है धरोहर है विश्व पटल पर हिंदी हम हिंदुस्तानियों की पहचान भी है आज 14 सितंबर को हम हिंदी दिवस मना रहे हैं क्योंकि इसी दिन वर्ष 1949 में भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को भारत की अधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था हर साल यह दिन मनाने का उद्देश्य है हिंदी का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए एक दूसरे को प्रोत्साहन करना आने वाली पीढ़ी को इस भाषा का महत्व समझाना यह दिन हमें हिंदी भाषा के महत्व और इसकी समृद्ध विरासत की याद दिलाता है विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य जयनारायण तिवारी ने कहा कि ये दिन हमें एहसास कराता है की हिंदी हमारे इतिहास संस्कृति और हमारी पहचान का अटूट हिस्सा है यह वह भाषा है जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर आज की आधुनिक तकनीक की दुनिया तक हर क्षेत्र में हमारी अभिव्यक्ति को सशक्त किया है हिंदी में हमें एकजुट किया है चाहे वह साहित्य के माध्यम से हो या संगीत और सिनेमा के ।
हिंदी है हमारी आन बान और शान
इससे जुड़ी है हमारे देश की पहचान
हिंदी की जड़ें प्राचीन काल से जुड़ी हैं इसका विकास संस्कृत और आगे चलकर यह करोड़ों लोगों की बोलचाल की भाषा बन गई है आज वैश्वीकरण के दौर में ग्लोबल लैंग्वेज के पीछे भागते-भागते हमें अपनी मातृभाषा हिंदी का महत्व नहीं भूलना चाहिए ,
हिंदी प्रवक्ता अरुण श्री माली ने कहा कि हिंदी और रोजगार के अवसर आज ज्यादातर लोग सोचते हैं की हिंदी से हमारी सफलता का कोई रास्ता नहीं है अंग्रेजी ही सफलता का रास्ता है लेकिन ऐसा नहीं है हिंदी न केवल साहित्यिक क्षेत्र में बल्कि पत्रकारिता, सिनेमा, अनुवाद प्रशासन और तकनीकी क्षेत्र में भी रोजगार के अनगिनत मौके देती है। हिंदी प्रवक्ता सौरभ त्रिवेदी ने कहा कि आज कई बड़ी कंपनियां और मीडिया संस्थान हिंदी के जनसंपर्क के माध्यम से जनसंपर्क और व्यावसायिक संचार को बढ़ावा दे रहे हैं । हिंदी का विकास और संरक्षण लगातार बनाए रखना चाहिए हमें गर्व है कि हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सबसे अधिक मात्रा में बोली जाने वाली भाषा है लेकिन यह हमें यह भी याद रखना चाहिए कि अगर हम हिंदी का सही ढंग से उपयोग और संरक्षण नहीं करेंगे तो इसका महत्व धीरे-धीरे कम हो सकता है हमारे शिक्षण संस्थाओं कार्यालयो, घर और समाज में हर जगह हिंदी का प्रोत्साहन जरूरी है ।कार्यक्रम में विद्यालय की प्रधानमंत्री बहन नव्या सिंह ने कहा की हिंदी का सम्मान करें इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें हिंदी बोलने में हमें शर्म नहीं, गर्व महसूस होना चाहिए यह हमारा गौरव है कि इस दिवस पर हम सब मिलकर अपनी भाषा के प्रति अपना प्रेम और मजबूत करें इसके प्रसार के लिए काम करने का संकल्प करें
हिंदी दिवस पर ये प्रण करो इस भाषा का हम मान बढ़ाएं
हर दिल में हो हिंदी का सम्मान
दुनिया में इस ऊंचाई दिलाए।
कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ आचार्य जयनारायण तिवारी ने कार्यक्रम समापन की घोषणा की।इस अवसर पर समस्त आचार्य,कर्मचारी, भैया बहिन,और अभिभावक मौजूद रहे।