...
  • Sun. Dec 22nd, 2024

Chanakya News India

News Broadcast Live TV

uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया

uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गयाuttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया

uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया हर 5वें दिन बच्चे का शिकार करता एक्सपर्ट बोले- बहराइच वाला भेड़िया बूढ़ा

uttar pardesh बहराइच में इस वक्त भेड़ियों का आतंक है। ये 9 बच्चों और एक महिला को शिकार बना चुके हैं। इन हमलों में करीब 40 लोग घायल हुए हैं। वन विभाग हमलावर 4 भेड़ियों को पकड़ चुका है। जिले के करीब 50 गांवों में गली-गली पुलिस और वन विभाग की टीमें तैनात कर दी गई हैं। बच्चों की मां लाठी लेकर रात भर उनके सिरहाने बैठकर हिफाजत कर रही हैं। पुरुष दिन-रात पुलिस-प्रशासन के साथ खेतों से लेकर घर तक की रखवाली में लगे हैं। लेकिन, हमले बंद नहीं हुए हैं।

सवाल उठता है, क्या यह पहली बार है कि प्रदेश का एक हिस्सा भेड़ियों के खौफ में है? क्या यह पहली बार है, जब इंसान और भेड़िए आमने-सामने आ गए हैं? पहले कब और कौन से हिस्से भेड़ियों के हमलों के शिकार हुए हैं? इन सवालों के जवाब संडे बिग स्टोरी में जानिए-

uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया
uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया

सबसे पहले प्रदेश में भेड़ियों के दो बड़े हमलों की कहानी

1996 में भेड़ियों ने 38 बच्चों का किया शिकार साल 1996 यानी आज से करीब 28 साल पहले। यूपी के पूर्वी हिस्से के तीन जिले प्रतापगढ़, जौनपुर और सुल्तानपुर में एक के बाद एक बच्चों की हत्या होने लगी। हर बच्चे की लाश क्षत-विक्षत मिलती। सिर्फ 6 महीने के अंदर 38 बच्चों की छत-विक्षत लाशें मिलीं। बच्चों के शवों से बाहरी अंग गायब मिलते। शरीर पर लंबे नुकीले दांतों और नाखूनों के निशान मिलते थे। बच्चों के अलावा इन हमलों में 78 लोग घायल हुए थे।

तब खौफ का आलम ऐसा था कि कोई इसे भेड़िए का काम कहता तो कोई शैतान मानने लगा, तो कोई इच्छाधारी भेड़िया बताने लगा। डर के साए में ऐसा अंधविश्वास फैला कि लोगों ने गांव में आने वाले भिखारियों और फेरी लगाकर सामान बेचने वालों को शक में पीटकर मार डाला। हालांकि, लोगों को जल्द ही इस बात का अंदाजा लग गया कि कोई जंगली जानवर है, जो बच्चों के पीछे पड़ा है। लोग दिन के उजाले में जंगली जानवर को खोजते, लेकिन वह नहीं मिलता।

रात में वह अपने बच्चों को बचाने की कोशिश करते, लेकिन हर दो-तीन दिन में कोई न कोई बच्चा गायब हो जाता। फिर अगले दिन उसका शव मिलता। उस दौर में हमलों से बच निकलने वाले लोगों ने बताया कि हमला करने वाला जानवर भेड़िया जैसा था। तब तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी नहीं थे कि एक-दूसरे को जल्दी सचेत कर दिया जाता। पहरा कैसे देना है, इसके लिए सब लोग एक जगह पर इकट्ठा होते। यहीं सारी रणनीति तय होती

 

https://www.facebook.com/chanakyanews.india

भेड़िए मारने के लिए वन विभाग को उतारने पड़े शार्प शूटर्स भेड़ियों के इन हमलों से सुल्तानपुर, जौनपुर और प्रतापगढ़ के 35 गांव डर के साए में जीने लगे थे। 6 महीने में मरने वाले बच्चों की संख्या 38 पहुंच गई। इसके अलावा 40 लोग हमले में किसी तरह बच गए थे। इसमें भी 20 से ज्यादा बच्चे थे। वन विभाग और पुलिस प्रशासन की कई टीमें उतारी गईं। कुछ टीमों का काम लोगों को जागरूक करना और अफवाहों से बचाने का था। क्योंकि, इस वक्त तक इस बात की पुष्टि हो गई थी कि मारने वाला भेड़िया ही है।

आखिर में भेड़ियों को कंट्रोल करने के लिए बड़ी संख्या में वन विभाग के शूटर्स और पुलिस की टीम लगी। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट लगे, तब जाकर आदमखोर भेड़िए को मारा गया था। इस पूरी घटना को लेकर 1997 में प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ साइंटिस्ट और वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया देहरादून में तब डीन रहे वाईवी झाला ने रिसर्च किया था।

 

https://x.com/chanakyalivetv

 

झाला कहते हैं- लगातार बच्चों के गायब होने और फिर मिल रही लाश के बीच यह आदेश आ गया कि भेड़िया जिंदा पकड़ में आए तो ठीक, वरना मार दिया जाए। वन विभाग की तरफ से कई शॉर्प शूटर बुलाए गए। भेड़िए का कहर 1300 स्क्वायर किलोमीटर में था। इसलिए हर हिस्से की रेकी की गई। अपने शोधपत्र में वाईवी झाला इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह हमला भेड़ियों के झुंड का नहीं, सिर्फ एक भेड़िए ने किया था।

इच्छाधारी भेड़िया समझ भिखारी और फेरी वालों को मार दिया झाला कहते हैं- उस वक्त जागरूकता की कमी थी। लोगों में यह चर्चा फैल गई कि यह सब किसी इच्छाधारी आदमी का काम है। वह दोपहर में आता है। इंसान जैसा ही दिखता है। उसके बड़े-बड़े बाल और नाखून हैं। दिन में इंसान रहता है और रात में भेड़िया बन जाता है। दिन में जिस गांव में वह जाता है, रात में उसी गांव में बच्चों की हत्या करता है

faridabad आर्यन को गोली मारी, साबिर की लिंचिंग

 

 

uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया
uttar pardesh यूपी में 28 साल पहले भेड़िया 38 बच्चे खा गया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.