Manipur में पहली बार ड्रोन से अटैक, मैतेई बोले- घेरकर गोलियां मारीं
Manipur 1 सितंबर को, दोपहर करीब 2 बजे की बात है। पहले गांव के बगल की तरफ से एक गोली चली। ये शुरुआत थी। फिर सामने की तरफ से हैवी फायरिंग होने लगी। कुकी उग्रवादियों की स्ट्रैटजी थी कि गांव के लोग सामने की ओर चले जाएं, जहां बंकर बने हैं। लोग बचने के लिए बंकरों में चले गए, तो उन्होंने वहीं ड्रोन से बम गिराए।’
एन. रोमेन Manipur के कोत्रुक गांव के लोकल सेक्रेटरी हैं। इंफाल वेस्ट में आने वाले इसी गांव में रविवार को हैवी फायरिंग के बाद ड्रोन से बम गिराए गए थे। हमले में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई। 2 बच्चों समेत 10 लोग घायल हैं। हमले का आरोप कुकी उग्रवादियों पर है।
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Manipur में कुकी और मैतेई की बीच हिंसा शुरू हुए 15 महीने हो गए हैं। ये पहला मौका है जब किसी गांव पर ड्रोन से अटैक किया गया है। हमले के अगले दिन दैनिक भास्कर इंफाल से 22 किमी दूर कोत्रुक गांव पहुंचा। यहां एन. रोमेन से मुलाकात हुई, जो अपने जले घर के बाहर खड़े थे। उनके घर पर भी ड्रोन से बम गिराया गया था।
फायरिंग से बचने के लिए लोग एक जगह जुटे, ऊपर से रॉकेट गिरने लगे
एन. रोमेन हमले की पूरी कहानी सुनाते हैं। कहते हैं, ‘हिंसा शुरू होने के बाद से ही हमारा गांव सॉफ्ट टारगेट रहा है। उग्रवादियों ने यहां 30 से ज्यादा बार हमले की कोशिश की, लेकिन हर बार फेल हो गए। इस बार उन्होंने बड़ा प्लान किया था। ड्रोन से बम गिराए। हम बंदूक और मोर्टार के हमलों से बचने और जवाब देने के लिए तैयार थे, लेकिन ये नहीं सोचा था कि वे बम गिराने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे।’
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Manipur हमले के लिए कोत्रुक को ही क्यों चुना? रोमेन जवाब देते हैं, ‘दूसरे मैतेई गांवों के मुकाबले कोत्रुक की लोकेशन अलग है। ये गांव पहाड़ियों से घिरा है। इसी का फायदा उग्रवादियों ने उठाया। पहाड़ से गांव का एक-एक कोना देख सकते हैं कि लोग कहां मौजूद हैं। सिक्योरिटी फोर्स कहां है। उन्होंने ये सब देखकर ही हमला प्लान किया।’
‘फायरिंग शुरू हुई तो हमने भी जवाब दिया। इसके बाद कुछ देर के लिए गोलीबारी रुक गई। दोपहर 3:30 बजे कुकी लोग हर तरफ से गोलियां चलाने लगे। फायरिंग के दौरान गांव की एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई। उनकी बेटी घायल है। महिला की शादी बगल के गांव में हुई थी। वो बेटी के साथ पेरेंट्स के पास आई थीं। उन्हें सिर में गोली लगी। बच्ची के हाथों में गोली लगी है।’