भारतीय परिवारों में और विशेष कर मंदिरो में सुबह और शाम शंख बजाने का प्रचलन था, और है इस पुरातन सैद्धान्तिक परम्परा को शायद हम भूल गये या उस प्राचीन विज्ञान के रहस्य को भौतिकवाद ने भुला दिया अब शंख सिर्फ शो पीस रह गया ।
अगर हम रोजाना शंख बजाते है तो इससे हमें काफी लाभ हो सकता है. यहाँ कुछेक लाभ के बारे में प्राप्त जानकारियां
प्रस्तुत हैं……..
शंख बजाने से श्वांस लेने की क्षमता में सुधार होता है इससे हमारी थायरॉयड ग्रंथियों और स्वरयंत्र का व्यायाम होता है और बोलने से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं को ठीक करने में मदद मिलती है
*शंख बजाने से हमारे चेहरे की झुर्रियों की परेशानी भी कम हो सकती है* जब हम शंख बजाते हैं तो हमारे चेहरे की मांसपेशियां में खिंचाव आता है जिससे झुर्रियां घटती हैं
शंख में सौ प्रतिशत कैल्शियम होता है रात को शंख में पानी भरकर रखें और सुबह उसे अपनी त्वचा पर मालिश करें इससे त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाएंगे
*शंख घर में रखने से भी वास्तु दोष दूर होता है*
शंख बजाने से शंख की ध्वनि सुनने से डिप्रेशन तनाव भी दूर हो जाते है जो लोग ज्यादा तनाव में अंडर प्रेशर में रहते हैं, उनको दैनिक रूप से सिर्फ 5 मिनट नियमित शंख जरुर बजाना चाहिए क्योंकि शंख बजाते समय दिमाग से सारे विकार दोष दूर होने लगते हैं, शंख बजाने से घर के अंदर आने वाली नकारात्मक शक्तियां भी दूर रहती है जिन घरों में शंख बताया जाता है वहां कभी नकारात्मकता नहीं आती है
शंख बजाने से दिल के दौरे से भी बच सकते है नियमित रूप से शंख बजाने वाले को कभी हार्ट अटैक नहीं होता है शंख बजाने से सारे ब्लॉकेज खुल जाते हैं, इसी तरह बार-बार सांस भरकर छोडऩे से फेंफड़े भी स्वस्थ्य रहते हैं
शंख बजाने से प्राणायाम योग की तीन क्रियाएं पूरक कुम्भक,रेचक, संपन्न होती है
शंख की आकृति और पृथ्वी की संरचना लगभग लगभग समान है नासा के अनुसार शंख बजाने से खगोलीय ऊर्जा का उत्सर्जन होता है, जो हानिकारक जीवाणु का नाश कर लोगो को ऊर्जा व शक्ति का संचार करता है
🔸 *फेफड़ों के विभिन्न रोग होते हैं खत्म* :
शंख बजाने से चेहरे,श्वसन प्रणाली,श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों की बहुत बढ़िया एक्सरसाइज होती है जिन लोगों को सांस संबधी समस्याएं है उन्हें नियमित रूप से शंख बजाने से छुटकारा मिल सकता है, हर रोज शंख बजाने वाले लोगों को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते इससे स्मरण शक्ति भी बढ़ती है….
वैज्ञानिक मानते हैं कि शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक के अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से मूर्छित हो जाते हैं या नष्ट हो जाते हैं यदि रोज शंख बजाया जाए तो वातावरण कीटाणुओं से मुक्त हो सकता है
बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं रोजाना सुबह-शाम शंख बजाने से वायुमंडल कीटाणुओं से मुक्त हो जाता है इसीलिए सुबह-शाम शंख बजाने की परंपरा है
🔸 *हड्डियों होती हैं मजबूत*
*शंख* में कैल्शियम गंधक और फास्फोरस काफी मात्रा में पाए जाते हैं, यह तत्व हड्डियों को मजबूत करने के लिए बहुत जरूरी होते हैं इसलिए शंख में रखें पानी के सेवन से दांतो को भी फायदा मिलता है, *कुल मिलाकर शंख हमारे परिवार समाज के स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी है