Jharkhand बीजेपी नेताओं से मिलेंगे; झारखंड की 14 सीटों पर पकड़, यहां भाजपा के विधायक नहीं
Jharkhand के पूर्व सीएम चंपाई सोरेन 3 विधायकों के साथ दिल्ली रवाना हो गए है। बताया जा रहा है दोपहर दोपहर में उनकी बीजेपी नेताओं के साथ मुलाकात होने वाली है। शनिवार से ही चंपाई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलें चल रही हैं।
चंपाई के अलावा JMM से निष्कासित लोबिन हेंब्रम और बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती के भी बीजेपी में जाने की खबर है।
JMM के बड़े नेताओं को तोड़कर BJP ये मैसेज देना चाह रही है कि JMM में आदिवासी नेताओं की इज्जत नहीं है। हेमंत सोरेन केवल अपने परिवार को ही बढ़ाते हैं।
इन सबके बीच शनिवार को चंपाई सोरेन ने BJP में शामिल होने की चर्चाओं पर कहा, “क्या अफवाहें हैं, नहीं हैं, यह हमें नहीं पता। हमें खबर ही नहीं पता है तो हम सच, झूठ का क्या आकलन करेंगे। हमें कुछ नहीं पता है, हम जहां हैं वहीं हैं।”
चंपाई सोरेन की गिनती JMM के सीनियर लीडर के रूप में होती है। झारखंड के कोल्हान इलाके में उन्हें कोल्हान टाइगर के नाम से जाना जाता है। इनका यहां की 14 सीटों पर असर है। पार्टी में इनके कद का यहां कोई दूसरा नेता नहीं है। इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि जब जमीन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में सीएम हेमंत सोरेन जेल गए तो सोरेन परिवार ने उन्हें ही अपना उत्तराधिकारी चुना।
मंत जेल से बाहर निकले। इसके बाद चंपाई सोरेन को सीएम के पद से बेदखल कर दिया गया। जबकि चंपाई इस टर्म तक सीएम बने रहना चाहते थे। हेमंत यह साबित करने में जुट गए कि चंपाई बेहतर ढंग से शासन नहीं चला सके। इससे चंपाई सोरेन का पार्टी के प्रति मोह भंग होता चला गया।
पार्टी छोड़ने का एक और बड़ा कारण अपने बेटे को सेट करना बताया जा रहा है। वे अपने बेटे बाबूलाल के लिए विधानसभा सीट चाहते हैं। सूत्रों की माने तो BJP उनके बेटे के लिए घाटशिला और पोटका सीट ऑफर कर सकती है। JMM में रहते हुए उनके लिए ये कर पाना संभव नहीं दिख रहा है।
लोबिन हेंब्रम: मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज, हेमंत के विरोध में
लोबिन हेंब्रम की गिनती शिबू सोरेन के वफादार सिपाही के रूप में होती है। 1990 में पहली बार विधायक बने लोबिन अब तक 5 बार बोरियो से विधायक चुने गए हैं। हेमंत सोरेन के पहले टर्म में उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई थी, लेकिन अब लोबिन हेमंत कैबिनेट में नहीं हैं।