...
  • Sun. Dec 22nd, 2024

Chanakya News India

News Broadcast Live TV

vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए

ByNews Editor

Aug 5, 2024
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाएvaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए

vaynad 10 हजार जानें बचाने वाले वायनाड के हीरोज:; 24 घंटे में 190 फीट लंबा पुल बनाया

vaynad  के चूरलमाला में हुई लैंडस्लाइड का तीसरा दिन था। बारिश रुक ही नहीं रही थी। हमें पता चला कि पहाड़ पर 6 लोग फंसे हैं। इनमें 4 बच्चे हैं। हमने पहाड़ पर चढ़ना शुरू किया। बारिश और पत्थरों पर जमी काई की वजह से आगे बढ़ना बहुत मुश्किल था। एक गलत कदम और हम सीधे गहरी खाई में गिरते। इसके बावजूद हम चलते रहे। 8 घंटे बाद उस गुफा तक पहुंच गए, जहां परिवार ने शरण ले रखी थी।’

vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए

vaynad ये फॉरेस्ट ऑफिसर के. हाशिफ हैं, जिन्होंने 4 लोगों की टीम के साथ सैकड़ों मीटर की ऊंचाई पर फंसे 6 लोगों को रेस्क्यू किया। हाशिफ वायनाड हादसे के अकेले हीरो नहीं है। उनके जैसे हजारों लोग पिछले 6 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं।

30 जुलाई की रात वायनाड में हुई लैंडस्लाइड ने चार गांवों में तबाही मचाई। मुंडक्कई में बहने वाली चेलियार नदी का पानी मुंडक्कई के अलावा चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में सबकुछ बहा ले गया। 369 लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग अभी लापता हैं। घर तबाह होने से 10 हजार से ज्यादा लोग रिलीफ कैंप में रह रहे हैं।

वायनाड के प्रभावित इलाकों में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में इंडियन आर्मी-नेवी के जवान से लेकर NDRF की टीम, फॉरेस्ट टीम, केरल पुलिस, कोस्ट गार्ड, एनजीओ और फायर एंड रेस्क्यू सर्विस से जुड़े लोग शामिल हैं। दैनिक भास्कर ने वायनाड हादसे के ऐसे ही कुछ हीरोज से मुलाकात की

https://www.facebook.com/chanakyanewsindialive

रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के. हाशिफ और उनकी 4 लोगों की टीम वायनाड में रेस्क्यू ऑपरेशन का हिस्सा है। उन्होंने टीम के साथ मिलकर एक फैमिली को रेस्क्यू किया। 4 दिन से 4 बच्चे और उनके माता-पिता एराट्टुकुंडू की गुफा में फंसे थे।

https://x.com/i/status/1812846855446843503

हाशिफ बताते हैं, ‘फैमिली को रेस्क्यू करने के दौरान हमें 40 मीटर के सीधे पहाड़ पर चढ़ना था। ये हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकता था। मुश्किल का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जमीन से महज 7 किमी की दूरी तय करने में हमें पूरे 8 घंटे का समय लगा।’

https://www.instagram.com/reel/C9cgEGZOE9w/?utm_source=ig_web_copy_link&igsh=MzRlODBiNWFlZA==

‘ऊपर चढ़ने से ज्यादा बड़ी चुनौती परिवार को नीचे लाने की थी। हमने घर में मौजूद चादरें फाड़ीं और उसके सहारे चारों बच्चों को अपने सीने पर कसकर बांधा। इसके बाद हम पेड़ की डालियों का सहारा लेते हुए नीचे उतरे और चूरलमाला पहुंच सके।’

BALRAMPUR 60 वर्षीय अधेड़ की डूब कर मौत

 

हाशिफ कहते हैं, ‘हमारे लिए अपनी जिंदगी से ज्यादा बड़ा हमारा फर्ज है, जिसे हमने ईमानदारी से निभाया।’ हाशिफ के साथ इस ऑपेरशन में मुंडक्कयम डिवीजन के फॉरेस्ट ऑफिसर जयचंद्रन, कलपेट्टा रेंज बीट फॉरेस्ट अफसर के अनिल कुमार और कलपेट्टा रैपिड रिस्पॉन्स टीम के मेंबर अनूप थॉमस भी शामिल थे।

MAU एआरटीओ कार्यालय परिसर में विशेष कैंप

वायनाड में हुई लैंडस्लाइड से सबसे ज्यादा तबाही मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा गांव में हुई। हादसे के दिन मुंडक्कई और चूरलमाला में मदद के लिए सबसे पहले पास के वेल्लारीमाला गांव के लोग पहुंचे थे। हम इन मददगारों से मिलने वेल्लारीमाला गांव पहुंचे।

mau जनपद के शिल्पी,विकास पुरुष कल्पनाथ राय जी की पुण्यतिथि 6 अगस्त को,, *

यहां हमारी मुलाकात चाय की दुकान चलाने वाले सुंदरम से हुई। वे बताते हैं, ‘रात के 2 बजे हमें फोन पर पता चला कि मुंडक्कई और चूरलमाला में लैंडस्लाइड हुआ और लोग फंसे हुए हैं। मैंने पड़ोसियों को जगाना शुरू किया। रस्सी, फावड़े और कुदाल लेकर हम पैदल ही घटना वाली जगह पर पहुंचे।’

mau जनपद के शिल्पी,विकास पुरुष कल्पनाथ राय जी की पुण्यतिथि 6 अगस्त को,, *

सुंदरम बताते हैं, ‘ये वक्त पहली लैंडस्लाइड के ठीक बाद का था। गांव में चारों तरफ पानी भर गया था। हमारे साथ गए गांव के लोग कंधे तक चढ़ चुके पानी में उतरे और लोगों की जान बचाई। हमने सीढ़ियों और रस्सी के सहारे 100 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया।

MAU जिला स्तरीय ट्रायल का आयोजन 09 अगस्त को*

यहीं हमारी मुलाकात सुनील थॉमस से हुई। वे भी घटना की रात से लोगों की मदद के लिए घटनास्थल पर थे। सुनील बताते हैं, ‘कई लोगों को तो हम अपने कंधों पर उठाकर लाए। घटना के बाद भी पिछले 6 दिन से हमारे गांव के युवक वहां जाकर राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।

BASHTI सिद्धार्थ नगर जिले के जिला धिकारी

vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए
vaynad 8 घंटे में पहाड़ी चढ़ी, 4 मासूम बचाए

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.