RAJASTHAN: रणथंभौर में शिकार: दो साल की टाइग्रेस ने बढ़ाई दहशत, चार दिन पहले भी किले पर दिखे थे टाइगर
सवाई माधोपुर। राजस्थान के प्रसिद्ध रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक बार फिर रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। ‘कनकटी’ नाम से पहचानी जाने वाली एक मादा बाघिन ने एक बच्चे को अपना शिकार बना लिया। बताया जा रहा है कि यह घटना बीते दिनों हुई, जब बच्चा जंगल के किनारे पर स्थित गांव में खेल रहा था।
‘कनकटी’ टाइग्रेस, जो करीब दो साल की है, हाल ही में अपना इलाका तलाशते हुए रिजर्व के बाहरी इलाकों की ओर बढ़ी है। इससे पहले भी यह बाघिन जंगल के अलग-अलग हिस्सों में देखी जा चुकी है। वन विभाग को चार दिन पहले भी रणथंभौर के ऐतिहासिक किले के आसपास एक बाघ के दिखने की जानकारी मिली थी।
क्या है ‘कनकटी’ का इतिहास?
‘कनकटी’ को उसकी एक आंख के ऊपर की कट से पहचाना जाता है। यह टाइग्रेस हाल ही में अपनी मां से अलग हुई है और अब अपना टेरिटरी तलाश रही है। जानकारों का मानना है कि इलाका बदलने और भोजन की कमी के कारण वह इंसानी बस्तियों की ओर बढ़ रही है।
घटना के बाद इलाके में दहशत
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भय और आक्रोश का माहौल है। कई गांवों में लोगों ने जंगल किनारे जाना बंद कर दिया है और बच्चों को घरों से बाहर न निकलने की हिदायत दी जा रही है।
वन विभाग की सक्रियता
वन विभाग की टीमें लगातार बाघिन की मूवमेंट पर नजर रख रही हैं। क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं और गश्त बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि टाइग्रेस को ट्रैंकुलाइज़ कर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
प्रशासन की अपील
वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जंगल के पास न जाएं और किसी भी बाघ की मूवमेंट की जानकारी तुरंत अधिकारियों को दें।