Himachal Pradesh करोड़ों से बनी कैटल सेंचुरी के बाद भी आवारा पशु सड़कों पर
Himachal प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में करोड़ों से बनी कैटल सेंचुरी के बाद भी आवारा पशु सड़कों पर
कूड़ा कर्कट प्लास्टिक लिफाफे खाने को मजबूर
आवारा पशुओं से निजात दिलाने के सरकारी दावों की खुली पौल
शहरवासियों में देखा जा रहा है खासा रोष
लोगों का कहना
करोड़ों रुपए खर्च करके बनाई गई कैटल सेंचुरी के बावजूद भी आवारा पशु घूम रहे हैं सड़कों पर
नन्दी बैलों के कारण हादसों का भी बना हुआ है खतरा
सरकार व प्रशासन से लगाई आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग
Himachal प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ में आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा करीबन 4 करोड रुपए खर्च करके हांडा कुंडी में कैटल सेंचरी का निर्माण करवाया गया था हालांकि सरकार के दावे हैं कि पूरे ओद्योगिक क्षेत्र को आवारा पशुओं से मुक्त कर दिया गया है लेकिन सरकारी दावों की पोल बद्दी मार्ग, पंजहरा मार्ग व नालागढ़ के रोपड़ मार्ग पर जगह-जगह आवारा पशु सड़कों पर घूमते हुए दिखाई देते हैं जो कि इस सरकारी दावों की पोल खोल रहे हैँ।
Himachal लोगों ने प्रशासन और सरकार पर भी सवालिया निशान उठाते हुए कहा है कि सरकार द्वारा करोड़ों पर खर्च करके हांडा कुंडी में कैटल सेंचरी का निर्माण करवाया लेकिन पूरे औद्योगिक क्षेत्र बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ में सरकार और प्रशासन आवारा पशुओं से निजात दिलाने के बड़े-बड़े दावे तो करते हैं लेकिन इन दावों की पोल क्षेत्र में घूम रहे आवारा पशु खोल रहे हैं लोगों का कहना है कि आवारा पशु अभी पहले की ही तरह सड़कों पर घूमते हैं जिसके कारण आए दिन हादसों के होने का खतरा बना हुआ है।
https://www.instagram.com/reel/C9hOuq7Mib9/?utm_source=ig_web_copy_link&igsh=MzRlODBiNWFlZA==
स्थानीय लोगों की माने तो कैटल सेंचुरी में सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किया गया है और उसके बावजूद जितने भी पशु वहाँ पर रखे गए हैं उनके लिए पर एक एक पशु के हिसाब से भी सरकार द्वारा पैसा दिया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद भी अभी भी सैकड़ों की तादाद में आवारा सांड सड़कों पर घूम रहे हैं जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हो चुकी है और आए दिन जब यह आवारा पशु आपस में लड़ते हैं तो सड़क पर आ जा रहे लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं। स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में आवारा घूमते पशुओं से जल्द निजात दिलाने की मांग उठाई है और स्थानीय प्रशासन को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्दी आवारा पशुओं से निजात नहीं दिलवाई गई तो वह एक बड़ा आंदोलन करने को भी मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।
Chandoli चहनिया ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी खतरे में
https://www.facebook.com/chanakyanews.india
स्थानीय लोगों का कहना है कि गौ माता के नाम पर अलग-अलग गौ सदन बनाए गए हैं लेकिन चुनावों के समय पर तो गौ माता के नाम पर खूब राजनीति होती है लेकिन जब चुनाव बीत जाते हैं और लोग जीत जाते हैं तो गौ माता का मुद्दा भी हवा हो जाता है उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा भी गौ सेवा के नाम पर कई प्रकार के टैक्स वसूले जा रहे हैं जिसका जमीनी स्तर पर कोई भी असर होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है उन्होंने सरकार से भी गोऊओं को रखने के लिए अलग बचत के प्रावधान की मांग उठाई है।
Chandoli चहनिया ब्लॉक प्रमुख की कुर्सी खतरे में