Maharajganj महात्मा गाँधी रोजगार गारन्टी योजना केन्द्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है जिसका मुख्य उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार देना है जो अपने गाँव घर से बाहर रोजगार के लिए जाने में असमर्थ है. जिसमे ये भी प्रावधान है कि जो भी व्यक्ति बाहर जाकर मजदूरी करने में असमर्थ हो उसको साल में कम से कम 100 दिन काम दिया जायेगा जैसा कि वर्तमान में दिया भी जा रहा है परन्तु अधिकारीयों की मेहरबानियों से आज यह योजना भर्ष्टाचार की भेट चढ़ती जा रही है और सरकारी धन का जोर शोर से दुरूपयोग हो रहा है जैसा कि आये दिन इस प्रकार का भ्रष्टाचार देखनो को मिलता रहता है . ऐसे ही कुछ मामले जनपद महराजगंज के विकास खण्ड परतावल से निकल कर सामने आये हैं जहाँ पर ग्राम प्रधानों द्वारा रोजगार सेवकों अधिकारीयों की मिलीभगत से मनरेगा की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है इसका पता तब चला जब चाणक्य न्यूज़ इण्डिया की टीम ने कई ग्राम सभाओं में हो रहे मनरेगा योजना के तहत कार्यों की स्थलीय जाँच करने मौके पर पहुची-
1- चाणक्य न्यूज़ इण्डिया की टीम सर्वप्रथम विकास खण्ड परतावल के ग्राम सभा बेलराई में पहुची तो वहां पर “ कतरारी सिवान से परसिया इन्दरपुर सिवान तक रोड की पटरी पर मिट्टी कार्य” चल रहा था जिसमे कुल 58 मजदूरों का मस्टरोल जारी हुआ है तथा 54 मजदूरों को उपस्थित दिखाया गया है लेकिन वहां के लोगों ने बताया कि 15 मजदूर ही काम कर रहे थे तथा लगभग प्रतिदिन 12 से 15 मजदूर ही काम करने आते हैं. वही दूसरी तरफ मिट्टी कार्य के स्थान पर केवल रोड के दोनों तरफ घास को साफ़ करवा कर छोड़ दिया जा रहा है. तीसरी बात यह कि बेलराई से परसिया इन्दरपुर तक सड़क के दोनों तरफ लोगों के घर बने हुए हैं जहाँ काम कराने के लिए जगह ही नहीं है फिर भी कार्य में लिख दिया गया है.
2- यही हाल पचदेउरी में भी देखने को मिला जहाँ पर दो कार्य क्रमश: “सन्देश के चक से मखनू के चक तक मिट्टी कार्य” तथा रक्षा के खेत से लमुआ तक “खडंजा के दोनों तरफ मिट्टी कार्य” जिसमे पहला कार्य तो कई दिन पूर्व ही समाप्त हो गया था तथा दूसरा काम प्रगति पर था जिस पर कुल लगभग 15 से 20 मजदूर कार्य कर रहे थे जिसको कार्य कराने वाले व्यक्ति ने भी स्वीकार किया किन्तु वहां पर भी 86 मजदूरों को उपस्थित दिखाया गया है |
3- वही जब चाणक्य न्यूज़ इण्डिया की टीम बगल के गाँव रामपुर उपाध्याय में पहुची तो वहां का तो अलग ही नजारा देखने को मिला जहाँ पर एक कार्य “ पक्की रोड से बेचू पटेल के खेत तक मिट्टी कार्य” जो की कराया जा रहा था पूछ ताछ में ग्राम सभा के लोगों ने बताया कि वह कार्य तो लगभग 5 या 7 दिन पहले ही समाप्त हो चुका था जबकि 44 मजदूरों को कार्य करते हुए दिखाया गया है.
अब सोचने वाली बात ये है कि आखिर एक दिन के सर्वे में तीन गावों में हो रहे खुलेआम इस तरह के भ्रष्टाचार निकल कर सामने आये है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि परतावल विकास खण्ड के अन्तर्गत आने वाले और गांवों में किस तरह भर्ष्टाचार हो रहा होगा या होता होगा तथा इसमें किन किन लोगों की भागीतरी होगी |
