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DELHI AAP जहां पैदा हुई, वो गढ़ हारी

ByNews Editor

Feb 8, 2025 #DELHI
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DELHI AAP जहां पैदा हुई, वो गढ़ हारी

आम आदमी पार्टी का जहां जन्म हुआ, जहां लगातार 2 विधानसभा चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज की

DELHI
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, वो ‘दिल्ली का किला’ ढहता दिख रहा है। ताजा रुझानों और नतीजों के मुताबिक दिल्ली में बीजेपी की पूर्ण

बहुमत की सरकार बनती दिख रही है। दिल्ली हारने से अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी पर क्या असर पड़ेगा;

1. अपने गढ़ दिल्ली में हारी, तो बिखर जाएगी आम आदमी पार्टी

राजनीतिक विश्लेषक दिलबर गोठी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी का जन्म दिल्ली से हुआ है।

उसका हेडक्वार्टर भी दिल्ली में है। केजरीवाल ने 2013 में 28 सीटों के साथ दिल्ली की राजनीति शुरू की थी।

इसके बाद 2015 में आप ने 70 में से 67 सीटें जीतीं और 2020 में सीटों की संख्या 62 रही।

आप एक आंदोलन से निकली हुई पार्टी है। अब दिल्ली में डैमेज होने से पार्टी बिखर जाएगी।

इससे जुड़े लोग पेशेवर पॉलिटिशियन नहीं हैं। सत्ता से बाहर हो जाने पर एक बड़ा वर्ग इस पार्टी को छोड़ जाएगा।

हाल ही में 10 मौजूदा विधायकों ने आप छोड़कर बीजेपी ज्वाइन की है।

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ऐसे में जो लोग दूसरी पार्टियों से आए थे वो भी अपनी मूल पार्टी में लौट सकते हैं।

दो या तीन धड़े भी पार्टी में बन सकते हैं।

2022 में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली मॉडल का प्रचार करके पंजाब का विधानसभा चुनाव जीता था।

वहीं गुजरात में कई जगह पर नंबर दो पार्टी के रूप पहचान बनाई थी।

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दिल्ली में आप हारी तो दो साल बाद पंजाब और गुजरात में होने वाले चुनाव में भी पार्टी को नुकसान हो सकता है।

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आदमी पार्टी बनने तक अरविंद केजरीवाल केंद्र में रहे हैं। पार्टी में उनकी ही चली है।

जिस किसी ने केजरीवाल का विरोध किया या चुनौती दी, उसे पार्टी से बाहर होना पड़ा है।

चाहे वो योगेंद्र यादव हों, प्रशांत भूषण हों या कुमार विश्वास। इस चुनाव में हार का ठीकरा केजरीवाल के सिर ही फूटेगा।